गया : सीयूएसबी के पर्यावरण विज्ञान विभाग (ईवीएस) द्वारा बदलती जलवायु और गंगा के संकट पर चरम घटनाओं पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। पीआरओ मोहम्मद मुदस्सिर आलम ने कहा कि राष्ट्रीय सेमिनार को भारत सरकार के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा वित्त पोषित किया गया था।
सेमिनार में विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थानों के संसाधन व्यक्तियों और प्रतिभागियों ने भाग लिया। कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के मार्गदर्शन में, समन्वयक डीन और प्रमुख प्रो. प्रधान पार्थ सारथी द्वारा संकाय सदस्यों प्रो. राम कुमार, डॉ. राजेश कुमार रंजन, डॉ. प्रशांत, डॉ. एनएल के सहयोग से सेमिनार का आयोजन किया गया।
उद्घाटन की अध्यक्षता सीयूएसबी के कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर आरपी तिवारी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब (सीयू पंजाब), बठिंडा के कुलपति और सेमिनार संयोजक प्रोफेसर पार्थ सारथी की उपस्थिति में की। गंगा के मैदानी इलाकों में कृषि एवं जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की चर्चा करते हुए प्रो. आर. तिवारी ने सूखा, बाढ़, गर्मी एवं शीतलहर आदि को प्रमुख कारक बताया।
सीयूएसबी के कुलपति, जो स्वयं एक भूगोलवेत्ता हैं, ने जलवायु परिवर्तन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों और इसके परिणामों को साझा किया। उन्होंने सेमिनार में आये प्रतिभागियों से सेमिनार के विषय पर विचार कर पर्यावरण को बचाने में योगदान देने की अपील की है।